गुरुवार, 25 अक्तूबर 2012

४, ५ -- पुलावऔर मीठे चावल

४. पुलाव और मीठे चावल

    पुलाव और बिरयानी भी चावलके जाने माने व्यंजन हैं जो खास मौकेके लिए हैं। इनके लिए चावलको पहले घीमें भून लेना अनिवार्य है। फिर मसाले और सब्जियाँ क्या क्या पडेंगे ये आप पर निर्भर है। उत्तरी भारतमें मटर, गोभी, टमाटर इत्यादिकी पसंद अधिक है। महाराष्ट्र या गुजरातमें बैंगन- भात सर्वमान्य है। इसके लिए चावलको तेलमें भूनते हैं। साथमें बैंगनके टुकडे भी पडते हैं और बादमें गरम मसाला भी। कुल मिलाकर बैंगन भात और पुलाव दोनों नितान्त भिन्न हैं।

पुलावके मसाले आदिसे दूर हटकर आजकल जीरा- राइसका चलन अधिक है। इसमे भूने हुए चावलके साथ केवल जीरा डालनेसे काम चल जाता है।

    केशर-भात एक मीठा पकवान है। इसके लिए भी घीमें भूनकर चावल पकाते हैं और पकनेके अंतिम पडावपर चीनी या गुड मिलाते हैं। फिर इसमें नारियल डालकर नारियल- भात या केशर डालकर केशर- भात (या दोनों ) बनाया जा सकता है।

    लेकिन घी खर्चिला भी है और खानेमें गरिष्ठ भी। जिन्हें थोडा हल्का- अर्थात्‌ जल्दी पचनेवाला पकवान चाहिए उनके लिए घीमें भूननेके बजाय दूधमें चावल पकाकर बनाई गई खीर ही अधिक पसंदीदा है।
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५. मीठे चावल

    मीठे चावल हों या चावलकी खीर - अर्थात् दूध-चावल-चीनी। दोनोंके स्वाद बढानेके कई तरीके हैं जो उनके साथ पडनेवाले मसाले या मेवेके कारण बनते हैं। खीर अर्थात्‌ दूधके साथ इलायची, जायफल या चिरौंजी डाले जाते है। गीले काजू या बादामके बारीक टुकडे या किशमिश भी डाले जाते हैं। छुहारेके टुकडे, छुहारा-पाऊडर भी डाले जाते हैं। गीले खजूरकी गरी से अलग स्वाद आता है। ये मसाले ठण्डे विपाक वाले हैं और दूधके साथ ज्यादा मेल खाते हैं। खानेवाला कपूर और केशर भी डाले जाते हैं। खीरको गाढा बनानेके लिए मिल्क पाऊडर भी मिलाई जा सकती है।

    मीठे चावल यानी घी-चावल-चीनी। इसमें सामान्यतः वे मसाले डाले जाते हैं जिनका विपाक गरम माना जाता हैं। इसमें लौंग, बडी इलायची, तमालपत्र, दालचिनी, काजूके टुकडे, गीले नारियलके बारीक टुकडे डाले जा सकते हैं। किशमिश और केशर भी डाले जा सकते हैं। सूखी खुबानी सूखे अंजीर भी डलते हैं।

    मेरा प्रयोग है कि सारे गरम विपाकवाले मसाले भी खीरके साथ चल जाते हैं। मीठे चावलके साथ भी जायफल और छोटी इलायचीके अलावा सभी मसाले अच्छा स्वाद देते हैं। यों तो सौंफ भी बाकी कई मीठे पदार्थोके स्वादके लिए अच्छा मसाला है। लेकिन खीर और मीठे चावल, दोनोंमें सौंफका स्वाद अच्छा नही उतरता है।

    इन तमाम मसालोंकी विस्तारसे चर्चा आगे प्रस्तुत है।

    खीर या मीठे चावलको चीनी के बजाय गुडके साथ भी बनाया जाता है। खासकर यदि केमिकल-रहित गुडका इस्तेमाल करें तो बहुत स्वाद आता है। दूसरे पकवानोंमें गुडके साथ तिल या खसखस मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन खीर में नही।

गांवकी रहनेवाली मेरी एक सहेलीने मुझे एक बार ऐसी खीर खिलाई जो सीधे गन्नेके ताजे रसमें पकाई हुई थी। उसका निराला ही स्वाद था। उसने एक और भी अजूबा मीठे चावल खिलाये।

    चावल को घीमें भूननेके बाद आधे पानीमें आधा ही पका लिया। फिर उसमें गुड मिलाकर मिश्रण बना लिया। खेतसे हल्दीके पत्ते लाकर एक एक पत्तेमें एक एक बडा चम्मच मिश्रण भरकर लपेट लिया और सूतसे बांधकर इडली पात्रमें रखकर फिर एक बार पका लिया। इसमें हल्दीके पत्तोंकी जगह केलेके पत्ते भी लिए जा सकते हैं। और केरलमें तो इस चावलमें कच्चा नारियल भी मिलाया जाता है। हल्दी या केलेके पत्तोंकी सुगंध एक अनोखा स्वाद पैदा करती है।
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