मंगलवार, 31 जुलाई 2012

अभिमान और गर्व -- हृषीकेश पर


July 24 2012
आज के दिन अपना अभिमान और गर्व प्रकट करनेमें कोई संकोच नही है। क्योंकि मेरे बेटेने स्वयं 4-सीटर विमान चलाकर और सवा-तीन घंटेकी नॉन-स्टॉप उडान भरकर मुझे, मेरी बहू और पोतेको सॅन-होझे एअरपोर्टसे क्रेटर लेक तककी सैर कराई। करीब डेढ घंटेका रास्ता उंची पहाडियोंपरसे जाता था जब हम धरतीसे औसतन साढे-आठ हजार फीट पर उड रहे थे और बीचमें एक बार तो साढे दस हजार फीटकी उंचाई पर थे। रफ टेरेनमें अपने मनका बॅलेंस रखकर विमानको बॅलेंस करना पडता है।
दो दिन क्रेटर लेक में गुजारकर और वापसी में फिर एक बार सवातीन घंटेकी उडान भरकर हम आज शाम वापस लौटे।
जय हो, जय हो, जय हो हृषीकेश -- क्या बेटा पाया है।

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