सत्यकाम जाबाली का संस्कार --
मैं फिलहाल अमेरिका में हूँ यह जानकर एक मित्रने पूछा -- what difference you see between india and usa? why they leading world?
मेरा उत्तर --
will need long answer. But honesty, truthfulness, which was part of our sanskriti is missing in India in a large %. It is a part of sanskriti of these people here.
यह सत्यका संस्कार हमें फिर से कैसे मिले? हममें से हरेकको अपना बोधवाक्य खुद ढूँढना पडता है -- लेकिन क्या हम सभी अपना बोधवाक्य चुन सकते हैं -- ऋतं वच्मि, सत्यं वच्मि।
उपनिषदों में कथा आती है सत्यकाम जाबालीकी। गुरूगृह जाकर शिक्षा लेनेकी इच्छासे उसने माँसे पूछा -- मेरे कुलके विषय में पूछेंगे तो क्या उत्तर दूँगा ? माँने कहा बेटे मैंने कइयोंके घर सेवा करके गुजारा किया है, उसी दौरान किसीके संपर्कसे तुम्हारा जन्म हुआ। यह बात तुम जिसे भी बताओगे वही तुम्हें दुत्कारेगा लेकिन जो इसके बाद भी तुम्हें शिष्यरूपमें स्वीकार करे उसीके पास पढना क्योंकि सत्यसे बढकर संसारमें कुछ भी नही।
जाबाली का यह जन्म इतिहास सुनकर जिसने उसे शिष्यरूपमें स्वीकारा (मुझे नाम भूल रहा है) उसने जाबाली की माँकी सत्यनिष्ठाको प्रणाम करते हुए उसका नामकरण किया सत्यकाम जाबाली -- बादमें यह सत्यकाम ब्रह्मवेत्ता हुआ और स्वयं अग्निने हंसके रूपमें आकर इसे ब्रह्मज्ञान दिया।
जब हम ऐसी सत्यनिष्ठा को अपनाएंगे और जातिपाति के विच्छेदक तत्वको दूर रखेंगे तभी हम पुनः संस्कारवान होंगे। बाकी सारे संस्कार सत्यनिष्ठासे ही आते हैं।
Dhiraj Zope · Friends with Mohan Waykole and 2 others
पैसा रे पैसा कमायेगा कैसा..?? मर जाने के बाद, साथ मे लेके जायेगा कैसा..?? आज काल " पैसा " हे सर्व श्रेष्ट झाले आहे..!! त्या मुले हळू हळू मैत्री, नातीगोती, विश्वास अर्हता संपुष्टात यायला लागली आहे..!! पूर्वी शुभंकरोती म्हटल्याशिवाय संध्याका...See More
June 7 at 11:21am · Like
Leena Mehendale पण आशाच सोडून देणार का -- पणतीचे उत्तर पहा -- माझ्या जिवांत जीव असेपर्यंत या अंधाराचा नाश करण्याला तत्पर राहीन.
June 7 at 11:33am · Like · 1
Leena Mehendale माझ्या या पोस्टसाठी छानसे चित्र शोधायला गूगल सर्च केले तर वालसंस्कार नावाची अत्यंत चांगली साइट पहायला मिळाली. सर्वांनी नक्की पहा. http://balsanskar.com/marathi/
Balsanskar | बालसंस्कार
balsanskar.com
आपले मूल सुसंस्कारित व्हावे, अशी प्रत्येक पालकाची इच्छा असते; मात्र त्यासाठी त्या दृष्टीने जाणीवपूर्वक प्रयत्न करणे, हे त्यांचे कर्तव्य ठरते.
June 7 at 11:39am · Like · 4 ·
Dhiraj Zope · Friends with Mohan Waykoleand 2 others
धन्यवाद एकदम मौलिक माहिती मिळाली..!!
June 7 at 11:55am · Like
Abhijit Shinde thanks a lot mam
June 7 at 9:04pm · Like
Karnel Singh · Friends with Abhijit Kulkarni
our sanskriti has changed as per the changed yug ((kalyug),so gone is gone,enjoy what is prevailing today,be it usa or bharat...
June 8 at 11:52am · Like
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