६. मीठे पकवानोके मसाले
छोटी इलायची - पकवान के मसालों में सबसे पहला नाम है छोटी इलायची। यह केरल में बहुतायत से उगाई जाती है। स्वाद और सुगंध में लाजवाब छोटी इलायची के दाने मुँह मे रख लेने से मुखशुध्दि हो जाती है। खाना खा लेने पर जो अन्नकण मुँह मे रह जाते है उनके कारण जीभ पर बासी स्वाद और मुँह मे दुर्गंध आ जाते है। उन्हें छिपाने और बासीपना हटाने के लिए छोटी इलायची बेहतर है। शराबी मुँहसे निकलती गंध छिपाने के लिए भी इसे अक्सर इस्तमाल करते हैं। मेहमान नवाजी के लिए घरमें कुछ न हो तो चार - पाँच छोटी इलायची पेश की जा सकती है। पानमें भी यह पडती है।
जब हम कोई भी अन्नग्रहण करते हैं तो उसके मसाले पेट में पहुँचकर लीवर, पॅन्क्रिया इत्यादि विभिन्न ग्रंथियों को रस उत्पादन के लिए उत्तेजित करते हैं। ये विभिन्न रस अन्न को पचाते हैं ओर शरिरके काम आते हैं। किसी अन्नपदार्थ्ज्ञ की प्रेसणा से जिस प्रकार का रस उत्पन्न होगा वह उस अन्न का विपाक कहलाता है। छोटी इलायची का विपाक ठण्डा होता है।
खोया, दूध और दही के प्रायः हर पकवान में छोटी इलायची डाली जाती है। खीर, रसगुल्ले, गुलाबजामुन, लडू, श्रीखंड इत्यादि में इलायची पडती है। रातमें सोनेसे पहले दूध पिया जाता है उसमें भी इलायची पडती है। यहाँ तक की हॉर्लिक्स कंपनीने इलायची हॉर्लिक्स नामक ब्राण्ड भी बाजार में उतारा है। बडी इलायची- बडी इलायची गरम मसाले का एक हिस्सा है। अतःइसे तीखे, चटपटे पदार्थो में डाला जाता है जैसे बिरयानी कोफता इत्यादि सामान्यतः मीठे चावल, जलेबी, मालपूआ या मैदे की अन्य मिठाईयों मे बडी या छोटी इलायची नही डालते हैं। हाँ लडू या बर्फी में मैने कभी कभी छोटी इलायची की जगह बडी इलायची भी डाली है।
खानेवाला कपूर- इसका रिवाज दक्षिण भारत में ही अधिक है। इसका भी विपाक ठण्डा और मुखशुध्दि के लिए अत्यंत कारगर है। ठण्डे खाये जाने वाले पकवानां में, खासकर मंदिरो में प्रसाद के लिए बननेवाले लडूओं मे इसे डालते है। इसकी अत्यंत कम मात्रा पर्याप्त है, इसलिए इसके इस्तेमाल में यह ध्यान रखना पडता है।
जायफल - थोडासा जायफल दूधमें चंदन की तरह घिस कर सेवन करने से अच्छी नींद आती है। यह दस्त को भी तुरंत रोकता है। महाराष्ट्र के तीन सर्व प्रमुख पकवान श्रीखंड, रबडी और पुरणपोली (चने की दाल और गुड से बननेवाली मीठी रोटी) तीनों मे जायफल अवश्य पडता है। ताकि आदमी इन्हें खाने के बाद अच्छी नींद ले और इनका पचन अच्छज्ञ हो जाय। ब्लॅक कॉफी भी दस्त रोकती है। कॉफी में अक्सर जायफल मिलाने का महाराष्ट्र में चालन है। छोटे बच्चों को दाँत निकलने के दौरान दस्त रोकने और अच्छी नींद के लिये जायफल देते हैं। दूध में तीन बार गोलाकार घिसनेपर जितना जायफल उतरेगा, बच्चे के लिये उतना ही काफी होता हैं।
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